देहरादून: कोरोना वायरस के इलाज में कारगर साबित होने वाली दवाई, जिसकी मांग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से की थी. उसका उत्पादन बंद हो गया है. दरअसल कच्चे माल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवाई बनाने वाली फार्मा कंपनियों ने इसका उत्पादन बंद कर दिया है. कच्चे माल की आपूर्ति के लिए राज्य के ड्रग कंट्रोलर ने ड्रग कंट्रोलर जनरल को पत्र लिखा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरिद्वार फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने बताया कि इस दवा की डिमांड अचानक बढ़ गई है. बीते कुछ दिनों पहले तक हाइड्रो क्लोरोक्वीन की सौ गोलियों के कच्चे माल की कीमत करीब 180 रुपए थी. आज वहीं कीमत 180 रुपए से बढ़ कर 1100 रुपए तक पहुंच गई है.
बाजार में कच्चे माल की कमी के चलते कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. वहीं, रुडकी फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीन सिंह के अुनसार, केंद्र सरकार ने हाइड्रो क्लोरोक्वीन की एक गोली की कीमत 5.06 रुपए तय की है. कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के चलते इस कीमत पर हाइड्रो क्लोरोक्वीन का उत्पादन करना संभव नहीं है.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में हाइड्रो क्लोरोक्वीन का उत्पादन तब बंद हुआ है, जब केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक हाइड्रो क्लोरोक्वीन नामक दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं. कोरोना महामारी में हाइड्रो क्लोरोक्वीन नामक दवा की मांग न केवल हमारे देश में हैं बल्कि दुनिया के करीब 30 देश इस दवा के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं. इन्हीं देशों में एक देश अमेरिका भी है.