Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में एक 13 साल की बच्ची का बाल विवाह कराए जाने का गंभीर मामला सामने आया है. हालांकि, रिश्तेदारों ने इसकी शिकायत दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची दिल्ली महिला आयोग की टीम ने बाल विवाह रुकवाया.
महिला आयोगी की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने बुद्धवार (07 अक्टूबर 2020) को ट्वीट करते हुए बताया कि आयोग की 181 हेल्पलाइन पर लड़की के एक रिश्तेदार ने कॉल करके बताया कि लड़की के परिवार वाले जबरन उसकी शादी करवा रहे हैं और आने वाली 10 तारीख को उसकी शादी होने वाली ही.
मामले की सूचना मिलते ही आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल और मेम्बर किरण नेगी ने एक टीम गठित की और टीम ने शिकायतकर्ता से संपर्क कर सभी जानकारी ली. शिकायतकर्ता ने बताया कि 5 अक्टूबर को लड़की की हल्दी की रस्म होने वाली है और उस समय रंगें हाथों पकड़ना सही रहेगा.
महिला आयोग की टीम सोमवार यानी 5 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस के साथ जामिया नगर पहुंची. वहां पहुंचकर पाया कि दी गयी जानकारी सही है. टीम ने घर के अंदर देखा तो हल्दी पीसी जा रही थी, साथ ही घर में शादी की रस्में चल रही थीं. जब टीम ने लड़की के बारे में पूछताछ की तो परिवार वालों ने लड़की के बारे में बताने से इनकार कर दिया और कहा कि लड़की बालिग है.
दिल्ली महिला आयोग ने जामिया नगर से 13 वर्षीय लड़की को बाल विवाह से बचाया। लड़की ने हमारी टीम को कहा कि उसे पढ़ना है, बड़ा इंसान बनना है लेकिन घरवाले ज़बरदस्ती शादी करवा रहे हैं। दिल्ली जैसे शहर में भी बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं आज भी चल रही हैं, ये बहुत ही शर्मनाक है। pic.twitter.com/yHVaGkCZHq
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) October 7, 2020
महिला आयोग की टीम ने जब लड़की के प्रमाण पत्र मांगे तो वे भी दिखाने में परिवार असमर्थ रहा. पुलिस ने घर को तलाश किया तो एक कमरे में लड़की को बंद पाया गया, लड़की को वहां से निकाला गया और उसके परिवार वालों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया. इस दौरान बच्ची ने कहा कि वह पढ़ना चाहती है लेकिन उसके माता पिता उसकी जबरन शादी करवा रहे हैं.
परिजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद बच्ची की मेडिकल जांच करवाई गई और शेल्टर होम में भेज दिया. जल्द ही इसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा. इस बारे में आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘लड़की ने हमारी टीम को कहा कि उसे पढ़ना है, बड़ा इंसान बनना है लेकिन घरवाले ज़बरदस्ती शादी करवा रहे हैं. दिल्ली जैसे शहर में भी बाल विवाह जैसी कुप्रथाएं आज भी चल रही हैं, ये बहुत ही शर्मनाक है.’
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